Menu
blogid : 7629 postid : 1083

चांद पर घर का सपना कहीं बन ना जाए कैंसर

चांद पर घर: मेरा एक सपना

‘डार्लिंग मेरा एक सपना है कि हमारा एक प्यारा सा घर हो चांद पर, जहां पर हम पुरसुकून शांति के साथ प्यार भरी बातें कर सकें’. आपके प्रेमी ने कभी ना कभी आपसे यह जरूर कहा होगा और आपने बड़े प्यार से कहा होगा कि हां, डार्लिंग एक दिन हमारा चांद पर घर होगा जहां सिर्फ तुम और मैं और हमारी प्यार भ


चांद पर प्यार भरी बातें और बीच की दीवार कैंसर

आपके और आपके प्रेमी की चांद पर प्यार भरी बातों के बीच में कैंसर आ सकता है और अगर आप चांद पर रहने का सपना देख रहे हैं तो यह इतना आसान नहीं है. ‘डेली मेल’ अखबार में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, चांद की सतह ऐसी धूल से भरी हुई है कि जिससे कई सालों तक पराबैंगनी विकिरण होता रहेगा. इससे मानव में कई तरह के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है.


टेनेसी विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं ने चांद पर नील आर्मस्ट्रांग के पहले कदम का उल्लेख करते हुए बताया कि अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों ने चंद्रमा की धूल के संपर्क में आने से त्वचा, आंख और भौंहों के प्रभावित होने की बात कही है. अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय तक इस धूल के संपर्क में आना बेहद नुकसानदायक होगा चाहे आपने उससे बचने लायक कपड़े ही क्यों न पहने हों.


फेफड़ों पर भी असर

अध्ययकर्ताओं का कहना है कि चांद की धूल आसानी से शरीर के अंदर जा सकती है और कई तरह के जोखिम पैदा कर सकती है. यह धूल श्वसन एवं हृदय तंत्र में जाकर फेफड़ों को भी प्रभावित करती है. चंद्रमा की धूल सीसे की तरह तेज होती है जिससे आंख और त्वचा को नुकसान पहुंचता है.


चांद पर घर अब सोचना होगा !!

अब आपको चांद पर घर बनाने के लिए हजारों बार सोचना पड़ेगा क्योंकि अब चाहे चांद पर दुनिया का शोर ना हो पर आप तन्हां नहीं होंगे क्योंकि आपका साथ कैंसर दे रहा होगा तो फिर आपको यही लगेगा कि ‘धरती की दुनिया कहीं ज्यादा सुन्दर है चांद की दुनिया से’.



Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh