पिछले कुछ दिनों से हम सभी हिग्स बोसॉन नामक गॉड पार्टिकल, जिसे वैज्ञानिक ब्रह्मांड की उत्पत्ति का जिम्मेदार मान रहे हैं, के बारे में सुनते आ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिग्स बोसान का नाम किससे प्रेरित होकर रखा गया है? हो सकता है आपको यह जानकर आश्चर्य हो लेकिन सत्य यही है कि खगोलीय और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण खोज माना जा रहा इस गॉड पार्टिकल का बोसान नाम एक भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है.
दरअसल इस गॉड पार्टिकल बोसान का नाम भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्रनाथ बोस और आइंसटीन के संयुक्त नाम पर रखा गया है. उल्लेखनीय है कि बोस और आइंसटीन ने एक ऐसा स्टैटिस्टिकल फॉर्मूला पेश किया था, जो एक खास तरह के कणों की प्रॉपर्टी बनाता है. इस प्रॉपर्टी को ही बोसान कहा जाता है.
भारत के महान वैज्ञानिक सत्येन्द्र बोस को क्वांटम फिजिक्स जैसे विषय को एक नई और उन्नत दिशा देने के लिए जाना जाता है. इस विषय की एक शाखा को बोस-आइंस्टीन नाम से भी जाना जाता है.
1 जनवरी, 1894 को कोलकाता में जन्में सत्येन्द्रनाथ बोस ढाका विश्वविद्यालय में लेक्चरर के पद पर कार्यरत रहे. बोस ने भौतिकी और मैथमैटिकल फिजिक्स के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. उनके द्वारा स्थापित सिद्धांतों को आज भी प्रमुखता के साथ अपनाया जाता है.
एलबर्ट आइंसटीन जैसे महान वैज्ञानिक ने भी अनेक सिद्धांतों और प्रयोगों में सत्येन्द्रनाथ बोस के साथ मिलकर काम किया. यहां तक कि उनके प्लांक क्वांटम रेडिएशन लॉ से जुड़े शोधपत्र का जर्मन में अनुवाद करने के बाद आइंस्टीन ने ही एक साइंस जर्नल में छपवाया था. इस शोधपत्र ने क्वांटम भौतिकी में एक नई शाखा की बुनियाद डाली जिसे बाद में बोस-आइंस्टीन सांख्यिकी के नाम से पहचान मिली.
वैज्ञानिक हिग्स बोसान नाम के जिस गॉड पार्टिकल की खोज में लगे हैं अगर उन्हें मिल जाते हैं तो सत्येन्द्रनाथ बोस का नाम इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो जाएगा. निश्चित रूप से यह सभी भारतीयों के लिए एक गर्व की बात होगी.
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