भूत-प्रेत या रहस्य से भरी कहानियों में आपने नर कंकालों और अस्थियों की मौजूदगी तो अवश्य देखी होगी. हॉरर शो का निर्माण ही जब व्यक्ति को डराने के लिए किया जाता है तो दर्शकों में सिहरन पैदा करने के लिए ऐसे हथकंडे तो अपनाने भी चाहिए. हालांकि कई बार वास्तविक हालातों में भी नर कंकालों का मिलना या उन्हें घर के भीतर सहेज कर रखने जैसे समाचार छाए रहते हैं जिन्हें मानसिक विकार या काले जादू के साथ जोड़कर देखा जाता है. लेकिन हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं है क्योंकि कभी-कभार ऐसा किसी मजबूरी के चलते भी ऐसा किया जाता है जिसका नाम है जगह की कमी.
अब ऑस्ट्रिया का उदाहरण ही ले लीजिए जहां शवों को दफनाने के लिए स्थान ही नहीं है. यही वजह है कि अब वहां के लोगों ने उन्हें सहेजकर रखने का काम शुरू कर दिया है. इससे पहले की आप यह समझें कि ऐसा वह अपने घरों के अंदर करते हैं तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि उन्होंने कंकाल को सहेज कर रखने के लिए एक घर निश्चित कर दिया है जहां अब 1200 से अधिक मृत लोगों की खोपड़ियां रखी जा चुकी हैं. दुनिया में अपनी तरह के पहले ऐसे स्थान का नाम बोन हाउस रखा गया है.
ऑस्ट्रिया के लोग अस्थियों और कंकालों को रखने के लिए वह उन पर फूल-पत्तियों के डिजाइन भी बनाते हैं. साथ ही उनके ऊपर उस व्यक्ति का नाम भी लिख देते हैं जिसका वह शव है.
उल्लेखनीय है कि यह बोन हाउस आज का नहीं बल्कि 12वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था. क्योंकि उस समय से ही ऑस्ट्रिया के कब्रगाहों में शव को दफनाने के लिए स्थान की कमी होने लगी थी. मृत शवों को यहां सामूहिक रूप से दफनाया जाने लगा और उसके बाद उनकी खोपडि़यों के इस्तेमाल से इसे तैयार किया गया. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1955 में इस बोन हाउस में आखिरी कंकाल एक महिला का रखा गया था.
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