बचपन में मोगली कार्टून तो आप सभी ने देखी होगी, जिसमें एक इंसानी बच्चा जंगल में रहने के कारण बिलकुल जंगली जानवरों की तरह व्यवहार करने लगता है. मोगली तो एक कार्टून था किंतु ऐसी एक फिल्म टार्जन, द जंगल मैन भी कई सीरीज में बनाई जा चुकी है जिसकी विषयवस्तु भी जंगल में पहुंचे एक बच्चे पर आधारित है.
यह सब तो काल्पनिक चरित्र थे लेकिन असल जिंदगी में भी जंगली बच्चों के होने जैसे कई उदाहरण देखे गए हैं. बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिन्हें या तो जंगली जानवर उठाकर अपने साथ ले गए या अपने परिजनों द्वारा त्याग देने के बाद उनका पालन-पोषण जंगली जानवरों के बीच हुआ. ऐसे हालातों में मानव दुनियां से उनकी दूरी बढ़ने के साथ-साथ जंगल से नजदीकी बढ़ जाती है जिसके परिणामस्वरूप वह इंसान होने के बावजूद ना तो इंसानों जैसे चल और बोल पाते हैं और ना ही किसी तरह का इंसानी व्यवहार कर पाते हैं.
लेकिन ओक्साना की हकीकत इससे भी कहीं ज्यादा हैरान कर देने वाली है. उक्रेन की रहने वली ओक्साना 3 साल की उम्र से ही घर के पालतू कुत्तों के साथ रहने लगी. ओक्साना के माता-पिता नशे के आदी थे जिसके कारण उसे किसी प्रकार की देखभाल नहीं मिल पाती थी. बचपन के पांच साल उसने अपने पालतू कुत्तों के साथ ही बिताए.
ओक्साना के शराबी माता-पिता उसकी देखभाल करने में अक्षम थे जिस कारण तीन वर्ष की उम्र से ही वह कुत्तों के साथ रही और उन्हीं के तौर-तरीके सीखने लगी. कुत्तों और ओक्साना में इतना अधिक लगाव हो गया था कि जब भी कोई उस बच्ची को ले जाने आता, तो कुत्ते उस पर हमला कर देते थे.
समय बीतता गया और ओक्साना बड़ी हो गई. लेकिन उम्र बढ़ने के बावजूद उसकी जंगली हरकतों में कोई बदलाव नहीं आया. उसका शरीर ही केवल इंसान का था क्योंकि उसका व्यवहार और आदतें बिलकुल जानवरों जैसी ही थीं. वह बोल नहीं पाती बल्कि कुत्तों की तरह भौंकती है, उन्हीं की तरह चलती और दौड़ती है. एक नन्हीं सी बच्ची, जिसे अभिभावकों की अक्षमता ने जानवर बना दिया, को वर्ष 2010 में 26 वर्ष की उम्र में मानसिक रोगियों के अस्पताल भेज दिया गया.
amazing news across the world, human beast in reality, world`s bad parents, how to treat your child, how to make child healthy and well groomed, unbelievable realities.
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