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115 साल साथ बिताने के बाद आखिर क्यों कर लिया ब्रेक-अप !!

tortoiseवर्तमान समय के मद्देनजर यह कहना कदापि गलत नहीं होगा कि अब प्रेम रूपी भावनाओं के लिए किसी के पास समय ही नहीं बचा है. आपसी आकर्षण के बल पर अपने प्रेम संबंध की शुरुआत करने वाले लोग समय आने पर कब एक-दूसरे से मुंह मोड़ लें पता ही नहीं चलता. मनुष्य का तो स्वभाव ही है कि जब तक उस पर कड़ी पाबंदियां ना लगाई जाएं वह किसी भी व्यक्ति के साथ स्थायी जीवन व्यतीत नहीं कर सकता. शायद इसी समस्या को सुलझाने के लिए विभिन्न समाजों में विवाह नामक संस्था को अपनाया गया है.


लेकिन आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि आधुनिकता और मॉडर्न जीवनशैली ने ना सिर्फ इंसानी भावनाओं को प्रभावित किया है बल्कि अन्य जीव-जंतु भी अपने साथी के प्रति अपनी भावनाओं को कायम नहीं रख पाए


इस तथ्य का सबसे ताजा उदाहरण यूरोप के एक चिड़ियाघर में रहने वाला कछुए का एक जोड़ा है जो लगभग 115 वर्ष तक साथ रहा लेकिन अब उन्हें शायद कोई दूसरा पसंद आ गया है तभी तो उन दोनों ने ही एक साथ रहने से मना कर दिया है. इतना ही नहीं अब उन्होंने अपने लिए एक अलग-अलग राहें भी चुन ली हैं. अब दोनों एक पिंजरे में साथ रहना नहीं चाहते यही कारण है कि अब दुनिया का यह सबसे पुराना जोड़ा टूटने के कगार पर पहुंच गया है.


चिड़ियाघर प्रबंधन समिति का कहना है कि बीबी और पोल्डी नाम के यह दोनों कछुए पिछले 36 साल से ऑस्ट्रिया के क्लेगनफर्ट चिड़ियाघर में रह रहे हैं. जबकि इससे पहले यह दोनों स्विट्जरलैंड के बसेल चिडि़याघर में रह रहे थे. जानकारों के मुताबिक दोनों 115 साल के हैं और बढ़े भी साथ ही हैं.


जब मादा कछुआ ने उस पिंजरे में जाने से इंकार कर दिया जिसमें उसका साथी नर कछुआ था तो यह देख कर चिड़ियाघर कर्मचारी बेहद हैरान रह गए. इससे पहले वह अपने साथी के बिना कही भी नहीं रहती थी और अब उसके साथ रहना पसंद नहीं कर रही.


बात यही समाप्त नहीं हुई बल्कि एक-दूसरे से बेहद प्रेम करने वाले जोड़े में हिंसा भी हुई. बीवी ने पोल्डी पर तेज हमला कर यह जाहिर कर दिया कि उन दोनों के बीच अब कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. बीवी तब तक पोल्डी पर हमला करती रही जब तक कि वह दूर नहीं चला गया.


कछुए की उम्र बहुत लंबी होती है लेकिन बीच में ही उनके दांत उनका साथ छोड़ जाते हैं. परंतु उनके जबड़े इतने कड़े होते हैं कि सामने वाले के शरीर पर घाव बना दें.


बीवी और पोल्डी के व्यवहार को समझ पाने में असमर्थ चिड़ियाघर कर्मचारियों ने विशेषज्ञों को बुलाया. उन्हें लगा कि शायद कछुओं की दिनचर्या में बदलाव तो नहीं आ गया है, लेकिन विशेषज्ञों ने जो बताया वह वाकई हैरान कर देने वाला था क्योंकि अब बीवी, पोल्डी के साथ नहीं रहना चाहती थी. वह अपने लिए एक अलग पिंजरे की मांग कर रही थी.


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