Menu
blogid : 7629 postid : 919

एक नहीं कई पतियों के साथ रहती हैं यहां की महिलाएं !!

polyandryविविधताओं से भरे भारत वर्ष में अलग-अलग रिवाजों और संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते हैं. भिन्न-भिन्न समुदाय और जातियों के लोगों की परंपराओं और मान्यताओं में भिन्नता होना स्वाभाविक है. बहुत वर्ष पहले भारत में बहु विवाह जैसी प्रथा अत्याधिक प्रचलित थी. जिसके अंतर्गत पुरुष को यह अधिकार दिया गया था कि वह एक से अधिक महिलाओं के साथ वैवाहिक जीवन व्यतीत कर सकता था. लेकिन महिलाओं के मामले में यह व्यवस्था लागू नहीं होती थी. परंतु प्रगतिशील भारत में अब जब महिलाओं को समान अधिकार और उनके सशक्तिकरण जैसे मुद्दे उठने लगे हैं तो ऐसे में बहुपतित्व की परंपरा देखना आश्चर्य पैदा करता है.


भारत के हिमाचल और केरल प्रदेश में बहुपतित्व प्रथा का प्रचलन है जिसके अनुसार एक महिला एक से अधिक पुरुषों के साथ वैवाहिक संबंध बना सकती है. प्राचीन समय में बहुपत्नी जैसी प्रथा महिलाओं के मानसिक और भावनात्मक शोषण का जरिया बनती थी वहीं यह बहुपतित्व नामक प्रथा भावनात्मक के साथ शारीरिक शोषण को भी बढ़ावा दे रही है.


इस व्यवस्था के अंतर्गत पहले से ही यह निर्धारित कर दिया जाता है कि प्रत्येक पति कितने दिन संबंधित महिला यानि कि अपनी पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाएगा. पतियों के बीच महिला का उपभोग करने के दिन बंटे होते हैं. महिला जिस संतान को जन्म देती है वह भी सभी पतियों की मानी जाती है. इतना ही नहीं वह संतान उम्र में बड़े पुरुष को तेग बावाल और छोटे पुरुष को गोटा बावाल कहकर संबोधित करती है.


यह प्रथा कई भारतीय राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिलती है. दक्षिण भारत के आदिवासी क्षेत्रों (विशेषकर टोडा जनजाति में), त्रावणकोर और मालाबार के नायरों में, उत्तरी भारत के जौनसर भवर में, हिमाचल के किन्नौर में और पंजाब के मालवा क्षेत्र में यह प्रथा बहुतायत में मिलती है.


हिंदू पुराणों में भी बहु पत्नी जैसी व्यवस्थाओं का उल्लेख मिलता है. कई राजा-महाराजाओं ने अपने वंश को बढ़ाने के लिए कई महिलाओं से विवाह किया. लेकिन महाभारत में पांचाली जिन्हें द्रौपदी के नाम से भी जाना जाता है, का उल्लेख शायद एकमात्र ऐसा उदाहरण है जो बहुपतित्व को प्रदर्शित करता है. उन्होंने पांचों पांडवों को अपने पति के रूप में स्वीकार किया था.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh