मानव अंगों की तस्करी का मसला कोई नया नहीं है. दिल, किडनी जैसे जरूरी अंगों को अवैध ढंग से तस्करी करने का व्यापार सभी देशों में चलाया जा रहा है लेकिन एक एशियाई देश ऐसा भी है जो ऐसे कामों में लिप्त है जो बेहद घृणित और अमानवीय है. वहां अंगों की तस्करी के स्थान पर मानव मांस से भरे कैप्सूलों को यह प्रचारित कर बेचा जाता है कि इसे खाने से किसी भी प्रकार की शारीरिक बीमारियों पर नियंत्रण या फिर मुक्ति पाई जा सकती है.
दक्षिण कोरिया के कस्टम अधिकारियों ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो बच्चों के मांस से भरे हुए कैप्सूल बेचता था. इस गिरोह से उन्होंने हजारों की संख्या में बच्चों के मांस से भरे कैप्सूल बरामद किए हैं. दक्षिण कोरिया में ऐसे गिरोह की बहुत ज्यादा मांग है.
पुलिस का कहना है कि इस संगीन अपराध को चीन से संचालित किया जा रहा है. एक बड़े गिरोह द्वारा चलाए जा रहे इस व्यापार को स्थायी रखने के लिए महिलाओं का जबरदस्ती गर्भपात भी करवाया जाता है और भ्रूण के मांस का प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा मृत बच्चों के शवों को भी मेडिकल संस्थानों द्वारा खरीद कर उनसे कैप्सूल बनाए जाते हैं. छोटे बच्चों की लाशों को इस व्यापार से जुड़े लोग अपने घरों की फ्रिज में इकट्ठा कर रखते थे.
कैप्सूल बनाने के लिए बच्चों की लाशों को पहले माइक्रोवेव में सुखाया जाता है और जब लाश पूरी तरह सूख जाती है तो उन्हें पाउडर की तरह पीस लिया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद इस पाउडर को अन्य दवाइयों के साथ मिलाकर कैप्सूल बना लिए जाते हैं.
हैरान करने वाले हैं दुनियां के आधुनिक अजूबे
शुरुआती जांच में तो यह सामने आया है कि चीन की पुलिस और अधिकारियों को बच्चों के मांस से भरे कैप्सूलों के निर्माण और उनके अवैध तस्करी का अंदेशा पहले से ही था. आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि इस घटना से पहले भी चीन में मानव अंगों से दवाइयां और शक्तिवर्धक मेडिकल उत्पाद बनाए जाने जैसे कई मामले सामने आ चुके हैं.
दक्षिण कोरियाई कस्टम एजेंट्स के अनुसार पिछले वर्ष अगस्त महीने से लेकर अभी तक तस्करी के 17,000 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें इंसानों के मांस के द्वारा शक्तिवर्धक दवाइयों का निर्माण किया जा रहा था.
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