कहते हैं मरने के बाद कभी कोई वापस नहीं आता, लेकिन फतेहपुर क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में रहने वाले एक परिवार ने अपने जिस बेटे को 23 वर्ष पहले खो दिया था, आज वह उन्हें दोबारा मिल गया है. वो भी इतने नाटकीय अंदाज में कि शायद ही किसी को यह विश्वास हो कि कमाल वाकई वापस आ गया है. यही कारण है कि स्थानीय लोग तो इसे आत्मा और भूत-प्रेत जैसी बातों से भी जोड़कर देख रहे हैं, यहां तक कि कुछ लोग तो उसके साथ बैठने में भी कतरा रहे हैं लेकिन परिवार वाले अपने बिछड़े सदस्य को देखकर अत्यंत प्रसन्न हैं और इसे केवल ख्वाजा का चमत्कार ही मान रहे हैं.
यह घटना बिंदकी, फतेहपुर के मुगलाही-लंका रोड की है. इस क्षेत्र के निवासी इस्माइल ठेकेदार का बड़ा बेटा कमाल वर्ष 1988 में अजमेर शरीफ चादर चढ़ाने गया लेकिन जिन लोगों के साथ वह गया था उन्होंने वापस आकर बताया कि कमाल ने अपने घर लौटने से मना कर दिया है. कमाल के चचेरे भाई जलालू ने बताया कि वह और उसका परिवार कई बार कमाल की खोज में अजमेर गए लेकिन कमाल का कुछ अता-पता नहीं चला. पुलिस से होता हुआ यह मामला दरगाह कमेटी तक जा पहुंचा, दरगाह कमेटी ने जब कमाल की तस्वीर देखी तो उन्होंने बताया कि इस लड़के की मौत दो दिन पहले हो गई है. इतना ही नहीं उन्होंने तो कमाल के परिवार को उसकी कब्र भी दिखा दी.
अल्पायु में बेटे से बिछुड़ने का गम उठाए उसके परिवार वालों ने उसी कब्र पर उसका फातिहा पढ़ा और घर वापस आकर उसका चालीसवां भी कर दिया.
लेकिन इस घटना के 23 वर्ष बाद उनके एक पड़ोसी, जो विवाह और अन्य समारोह में बाजा बजाता है, ने कमाल की पत्नी को बताया कि जब वह अपने काम के सिलसिले में अजमेर गया था तब उसने कमाल को वहां देखा था. खुद को कमाल और पिता का नाम इस्माइल बताने वाला वह शख्स गांजा पी रहा था. कमाल का पता लगाने के लिए उसके परिवार के लोग अजमेर गए और ननका के बताए नगीना वाले बाबा से मिले. जब उन्होंने कमाल की फोटो नगीना बाबा को दिखाई तो उन्होंने कमाल के जिंदा होने की पुष्टि कर दी. बस फिर शुरू हो गई कमाल की खोज, बहुत जद्दोजहद के बाद आखिरकार परिवार को 23 वर्ष पहले खोया बेटा कमाल मिल ही गया.
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