मानव जीवन में संगीत हमेशा से ही एक बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावकारी भूमिका में रहा है. संगीत की उपयोगिता यहीं समाप्त नहीं होती क्योंकि संपूर्ण समाज के उद्भभव और विकास में भी संगीत अपनी उपयोगिता दर्ज करवाता रहा है. समय और हालात बदलने के साथ-साथ संगीत के क्षेत्र में भी विभिन्न तरह के बदलाव और परिमार्जन देखे गए हैं लेकिन जिस संगीत को हम आज सुन रहे हैं वह पूरी तरह व्यावसायिक है. पहले की अपेक्षा आज संगीत धन कमाने का एक बहुत अच्छा माध्यम बन गया है.
आज जिन गानों या म्यूजिक कॉंसर्ट को हम सुनते हैं उनमें अनेक प्रकार के वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया जाता है. गिटार, पियानो, बांसुरी आदि कुछ संगीत के सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बन गए हैं. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि मनुष्य द्वारा निर्मित सबसे पहला वाद्ययंत्र कौन सा है और उसे किसने बनाया था? जैसा कि हम सभी जानते हैं कि समय-समय पर दुनियां में अनेक सभ्यताओं का आना-जाना लगा रहा है. इन्हीं सभ्यताओं से जुड़े कुछ संगीत प्रेमियों ने एक ऐसा वाद्य यंत्र बनाया जो बहुत सुरीला और उस समय काफी लोकप्रिय रहा.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि स्काई द्वीप पर स्थित एक सदियों पुरानी गुफा में वैज्ञानिकों को आधी जली हुई अवस्था में लकड़ी का एक तराशा हुआ टुकड़ा मिला है, जिसमें कुछ सुराख हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह यंत्र दुनियां की प्रारंभिक सभ्यताओं द्वारा बनाया गया सबसे पहला लोहे एवं कांस्य युग से जुड़ा अवशेष है. शोधकर्ताओं की मानें तो यह वाद्ययंत्र आज से लगभग 2300 वर्ष पुराना है.
संगीत पुरातत्व वैज्ञानिक डॉक्टर ग्रैमी लॉसन ने बताया कि इस वाद्ययंत्र की खोज के कारण संगीत का इतिहास कई नए आयामों को भी छू सकता है. उनका यह भी कहना है कि जो वाद्ययंत्र मिला है संभवत: प्राचीन ग्रीक सभ्यता का अंग हो सकता है.
नेशनल म्यूजियम ऑफ स्कॉटलैंड, हिस्टोरिक स्कॉटलैंड और हाईलैंड काउंसिल के सहयोग से प्राचीन कलात्मक वस्तुओं की खोज के लिए चलाए गए इस अभियान के दौरान कई और अनोखी चीजें भी मिली हैं.
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