फिल्मी दुनियां की आर्टिफिशियल बरसात के बारे में भला कौन नहीं जानता. प्राय: देखा जाता है कि नायक-नायिकाओं की सहूलियत के अनुसार या फिर किसी दृश्य को आकर्षक़ॅ और प्रभावी बनाने के लिए नकली बारिश करवा दी जाती है. इतना ही नहीं दर्शकों को भी यह तरीका बहुत भाता है. लेकिन क्या कभी आपने ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है जिसके एक इशारे पर बारिश होने लगे वह भी नकली नहीं पूरी तरह प्राकृतिक.
अगर उपरोक्त वर्णन को सुनकर आपको यह व्यक्ति कोई तपस्वी या फिर साधक लगने लगा है तो आपको यह जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि यह व्यक्ति एक सामान्य मानव था जिसे कुदरत द्वारा अनोखी शक्ति प्रदान की गई थी.
वर्ष 1983 में एक ऐसा व्यक्ति बहुत अधिक लोकप्रियता बटोर रहा था जो जहां भी जाता वहां पानी टपकने लगता था. डॉनी डैकर नाम का यह व्यक्ति भले ही घर में हो या बाहर उसके आस-पास पानी टपकने लगता. लेकिन कोई भी इस रहस्य को जान नहीं पाया कि आखिर पानी आता कहां से है.
स्ट्राउड्सबर्ग (पैनसिलवेनिया) का रहने वाला डॉनी जेल में था जब उसकी दादा की मौत हुई. पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए डॉनी को जेल से रिहा कर दिया था. जेल से निकलने के बाद डॉनी अपने दोस्त बॉब और जीनी कीफर के साथ रहने लगा.
एक शाम कीफर के घर में रहते हुए डॉनी के सिर पर कुछ गिर गया, डॉनी ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया. बॉब और जीनी भी अपने काम में व्यस्त थे इसलिए उनका ध्यान भी इस ओर नहीं गया, लेकिन कुछ ही देर में कमरे में बारिश होने लगी. पहले सभी को यह लगा कि छत का पाइप फट गया है लेकिन ऐसा कुछ नहीं था. कमरे में मौजूद सभी यह देख कर दंग रह गए कि पानी केवल छत से ही नहीं बल्कि जमीन और दीवारों से निकलने लगा था.
कमरे की ऐसी हालत देखकर मकान मालिक ने स्थानीय पुलिस को फोन कर दिया लेकिन पुलिस भी इस मामले में कुछ नहीं कर पाई. मकान मालिक यह देखकर हैरान रह गया कि खाने के लिए जैसे तीनों दोस्त बाहर निकले वैसे ही कमरे में बरसने वाला पानी भी बंद हो गया.
कीफर्स के दोस्त को पहले ही डॉनी को लेकर कुछ संदेह था कि उस पर किसी आत्मा का साया है. जब डॉनी उसके होटल में खाना खाने गया तो वहां भी पानी टपकने लगा और उसका शक यकीन में बदल गया. उसने तुरंत गले में पहना हुआ क्रॉस पकड़ लिया और उसके शरीर में जलन होने लगी.
सच्चाई जानकर मकान मालिक ने डॉनी को तंग करना शुरू किया कि वह ऐसा कुछ भी उसके घर में ना करे, इसके बाद डॉनी हवा में ऊपर उठने लगा और दीवार पर जाकर गिरा, जैसे किसी ने उसे उठाकर फेंका हो. इस घटना की जांच कर रहे पुलिस चीफ ने जांच रोक दी फिर भी कुछ अधिकारी तीन दिन तक प्रयोग करते रहे और कुछ दिनों बाद डॉनी को फिर जेल भेज दिया गया. वह जेल के जिस कमरे में रहा था, वहां भी पानी टपकने लगा. पहले यहां भी सबको लगा वह कोई नाटक कर रहा है लेकिन सच्चाई जानकर एक पादरी ने डॉनी को पानी की जकड़न से मुक्ति दिलाई.
लोगों का मानना था कि डॉनी के दादा की आत्मा उसमें आ गई थी. लेकिन पुख्ता तौर पर कभी कोई कुछ कह नहीं पाया.
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