भारत की संस्कृति, इसकी मान्यताएं विदेशों में भी बेहद सम्मानजनक और महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. प्राय: देखा जाता है कि भारतीय समाज में व्याप्त परंपराएं विदेशियों को भी बार-बार यहां आने के लिए विवश करती हैं. जहां एक ओर हमारी संस्कृति दुनियांभर के लोगों के बीच हमें एक ऊंचा और महत्वपूर्ण ओहदा दिलवाने में सहायक हुई है वहीं भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वास और रुढ़िवादिता हमेशा से इसकी प्रगति और विकास में बाधा पहुंचाते रहे हैं.
भारतीयों के विषय में यह माना जाता है कि वह निराधार तथ्यों पर विश्वास करते हैं और अपनी मानसिकता से इतर कुछ भी देखना या सोचना पसंद नहीं करते. अगर इसे केवल एक मिथ्या समझ कर नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह स्वयं हमारी ही नादानी कही जाएगी क्योंकि हमारे समक्ष ऐसे कई तथ्य हैं जो यह साफ प्रमाणित करते हैं कि हम अपनी आस्था और विश्वास के प्रति कभी-कभार बहुत अधिक सख्त हो जाते हैं.
अब इस घटना को ही ले लीजिए, यूं तो राजस्थान जैसा शहर अपने खान-पान और रंग-बिरंगे साज-सज्जा के लिए दुनियांभर में जाना जाता है लेकिन यहां भी एक ऐसी हैरतंगेज कहानी या फिर जिसे यहां के लोग सत्य मानते हैं, बहुत अधिक प्रचलित है.
गिद्धों को खिला देते हैं अपने रिश्तेदार !!
राजस्थान के जोधपुर से नागौर जाने वाले रास्ते के बीच पड़ने वाले चोटिल्ला गांव में बुलेट बाबा का एक मंदिर बनाया गया है. स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर की बहुत मान्यता है. इस मंदिर में एक विशिष्ट बुलेट मोटरसाइकिल के साथ उसे चलाने वाले ओम बन्ना की तस्वीरों को भी लगाया गया है. ओम बन्ना नामक व्यक्ति को समर्पित इस मंदिर के पीछे की कहानी भी बहुत अजीबोगरीब है.
लोगों का कहना है कि एक बार ओम बन्ना अपनी इसी बाइक से कहीं जा रहे थे तभी जोधपुर और नागौर के बीच उनका एक्सीडेंट हो गया. इससे पहले कि उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाता, घटनास्थल पर ही उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. जब पुलिस उनकी मोटरसाइकिल को थाने में लेकर आई तो वह बाइक वापस उस एक्सिडेंट वाले स्थल पर पहुंच गई. तभी से लोग उस स्थान को पूजनीय मानकर वहां ओम बन्ना और उनके वाहन की पूजा करते हैं.
स्थानीय लोग ओम बन्ना के इस मंदिर को बुलेट बाबा का मंदिर कहकर बुलाते हैं. हालांकि किसी भी व्यवहारिक व्यक्ति के लिए इस बात पर यकीन करना कठिन है लेकिन लोग यह भी मानते हैं कि इस क्षेत्र के आसपास बुलेट बाबा की आत्मा घूमती है. वह हर उस व्यक्ति की सहायता करती है जो उस रास्ते में फंस जाते हैं. इसीलिए जो भी यात्री यहां से गुजरता है वह बुलेट बाबा और उनकी बाइक की पूजा करना नहीं भूलता.
बंजी जंपिंग के दौरान टूट गई रस्सी और फिर ……
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