आजकल खुद को दूसरों से बेहतर साबित करने के लिए व्यक्ति क्या कुछ नहीं करता. स्कूल में पढ़ने वाला छात्र अपनी सभी इच्छाओं को छोड़कर दिन-रात सिर्फ पढ़ाई करता है ताकि वह अन्य सहपाठियों से ज्यादा अंक ला सके. खेल में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकलने के लिए व्यक्ति खाना-पीना तक छोड़कर सिर्फ और सिर्फ प्रैक्टिस में जुट जाता है. यह सब तो ठीक था लेकिन जब से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्रचलन में आए हैं तब से तो शायद सभी लोग यह ख्वाहिश रखने लगे हैं कि पहले के बने हुए रिकॉर्ड्स को तोड़कर अपना नाम इस किताब में दर्ज करवा सकें, फिर चाहे इस काम को पूरा करने के लिए उन्हें अपनी जान से ही क्यों ना खेलना पड़े.
कोलंबो (श्रीलंका) में रहने वाले एक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के दीवाने की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. फिल्मों में या फिर जादूगरी से संबंधित कार्यक्रमों में आपने यह कारनामा जरूर देखा होगा जिसमें जादूगर एक बड़े से बक्से, जिसमें ना तो बाहर निकलने का कोई रास्ता होता है और ना ही सांस लेने का माध्यम, में घंटों समय बिताने के बाद जीवित और सकुशल बाहर निकलता है. इस व्यक्ति ने भी ऐसा ही कुछ करने की ठानी लेकिन उसकी बक्से में सबसे ज्यादा समय तक रहने और जीवित बाहर निकलने का विश्व रिकॉर्ड बनाने की चाहत तो पूरी नहीं हो सकी. इसके उलट वह अस्पताल जरूर पहुंच गया.
वर्तमान में यह रिकॉर्ड ब्रिटेन के रहने वाले एक व्यक्ति के नाम है जिसे तोड़ने की मजबूत इच्छा लिए यह व्यक्ति बंद बक्से में बैठने के लिए तैयार हो गया, इतना ही नहीं उसने बाहर से ताला भी लगवा लिया. लेकिन जब कुछ देर बाद बक्से में होने वाली हलचल और उस व्यक्ति की आवाज आनी बंद हो गई तो मजबूरन उस बक्से को खोला गया. लेकिन तब तक वह व्यक्ति अचेत हो चुका था. आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया जहां अब भी अपनी जान पर खेलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने पर उतारू इस व्यक्ति का इलाज चल रहा है.
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