Menu
blogid : 7629 postid : 566

अब मकड़ी के जालों से भी निकलेगा मधुर संगीत !!

violinवैसे तो आए-दिन कोई ना कोई खोज या फिर आविष्कार होते रहते हैं जिनमें से कुछ तो लाभदायक होते हैं लेकिन अधिकांश केवल आविष्कारकों का दिमागी फितूर ही प्रदर्शित करते हैं. लेकिन जिस खोज की बात हम यहां करने वाले हैं उसके बारे में सुनकर आपको हैरानी के साथ-साथ अचंभा भी हो सकता है कि आमतौर पर जिस वस्तु को हम गंदगी समझते हैं वह इतनी ज्यादा काम की कैसे हो सकती हैं?


समाचारों पर गौर करें तो जापान के एक खोजकर्ता ने मकड़ी के जाल का उपयोग कर वायलिन के तार बनाए हैं. इतना ही नहीं जाले से बनी हुई तार अगर वायलिन में लगाई जाती है तो उसकी आवाज भी अपेक्षाकृत अधिक सुरीली और हल्की होती है.


उल्लेखनीय है कि मकड़ी के जाल से आने वाले मधुर संगीत का सबसे बड़ा कारण तार बनाने की विशिष्ट विधि का होना है. वायलिन की तार बनाने के लिए मकड़ी के रेशमी धागों को इस तरह मोड़ा जाता है ताकि उनके बीच जरा सी भी जगह ना बचे. जिसकी वजह से संगीत हल्का और मधुर बन जाता है.


जापान स्थित नारा मेडिकल विश्वविद्यालय से संबद्ध डॉक्टर शिगयोशी ओसाकी ने वायलिन में प्रयोग होने वाला एक-एक तार मकड़ी के जालों को मिलाकर बनाया है. एक तार बनाने में हजारों जालों का प्रयोग किया गया है. ओसाकी का कहना है कि घर में गंदगी समझे जाने वाले मकड़ी के जालों से संगीत के लिए बेहद उपयोगी चीज बनाना अपने किस्म की अलग खोज है. वे लोग जो वायलिन का संगीत पसंद करते हैं उन्हें नए प्रकार की धुन सुनने का अवसर मिलेगा.


डॉ. ओसाकी पिछले कई वर्षों से मकड़ी के जालों से संगीत निकालने जैसी रिसर्च कर रहे थे. अब जाकर उन्हें सफलता हासिल हुई है. उन्होंने अपने घर में कई और विभिन्न प्रकार की मकड़िया भी पाली हुई हैं. ओसाकी ने मकड़ियों का प्रजनन करवा कर, उनसे खास ड्रैगलाइन रेशम निकालने का तरीका विकसित किया.


इस शोध को पूरा करने के लिए लगभग तीन सौ नेफ्यूला माकुलता मकड़ियों से रेशमी जाले निकाले गए. फिर तीन से पांच हजार जालों को एक दिशा में मोड़कर एक गट्ठा बनाया गया और फिर तीन गट्ठों को दूसरी दिशा में एक साथ मोड़कर एक तार बनाया गया.


डॉ. ओसाका ने पाया कि मकड़ी के रेशम से बने ये तार एल्यूमिनियम की परत से ढंके नायलॉन के तारों से भी ज्यादा मजबूत बन जाते हैं. डॉ. ओसाकी द्वारा संपन्न इस अध्ययन की रिपोर्ट को फिजिकल रिव्यू लेटर्स पत्रिका के अगले संस्करण में प्रकाशित किया जाएगा.


Read Hindi News


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh