बंदरों को उछ्लते-कूदते, उधम मचाते तो आपने बहुत बार देखा होगा लेकिन कभी आपने किसी बंदर को अपनी जिम्मेदारियां निभाते और दिए गए कामों को पूरा करते देखा है? यह बात सुनने में ही इतनी अटपटी है कि इसके सच होने पर तो कोई भी विश्चास नहीं करेगा. लेकिन रूस के एक चिड़ियाघर में रहने वाले चिंपाजियों ने इस बात को सचकर दिखाया है. उनके जिम्मेदार और सफाई पसंद स्वभाव के बारे में जानने के बाद आपको इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाएगा कि बंदर भी इंसानी हरकतें करते हैं. क्योंकि यहां जितने भी चिंपाजी रहते हैं उनके पिंजरे की सफाई कोई और नहीं बल्कि वह खुद करते हैं.
चिंपाजियों ने सफाई करने की कला वहां के कर्मचारियों को देखकर सीखी है और अब वह स्वयं ही अपने काम कर लेते हैं.
समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार रूस के उडमुर्टिया चिड़ियाघर में एक जोड़ी चिम्पांजी यशा व जेसिका हर रोज झाड़ू, पोंछा और कूड़ा भरने वाला थैला लेकर अपने दो मंजिला पिंजरे की सफाई करते हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि सफाई करने की पहल सबसे पहले यशा ने की. उसने कर्मचारी के हाथ से झाड़ू लेकर उसका प्रयोग करना शुरू किया. उसकी देखा-देखी जेसिका भी काम करने लग गई. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यशा और जेसिका इतने समझदार हैं कि पिंजरे में लगी शीशे की दीवारों का विशेष ध्यान और चमकदार रखने के लिए वह उन्हें पोंछने से पहले उन पर थूकते हैं. दोनों चिम्पांजी सफाई का काम बांटकर करते हैं. जेसिका नीचे की मंजिल साफ करती है तो यशा ने ऊपर की मंजिल की सफाई की जिम्मेदारी संभाल रखी है.
चिड़ियाघर के कर्मचारियों का कहना है कि अन्य प्रजाति के जानवरों ने भी इन चिम्पांजियों की नकल करने की कोशिश की लेकिन वे सही तरीके से सफाई नहीं कर पाए. गिब्बन्स, मैंगाबेयस तथा डी ब्राजा प्रजाति के बंदरों ने भी झाड़ू व पोंछे के लिए कपड़ा लिया लेकिन उन्होंने केवल एक-दूसरे को मारने या झगड़ा करने के लिए ही इनका इस्तेमाल किया.
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