राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्य को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाया और अन्य लोगों को भी इस पर चलने के लिए प्रेरित किया. उनके कृत्यों ने ना सिर्फ भारतीयों को सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया बल्कि विदेशी लोगों को भी बहुत अधिक प्रभावित किया. यही वजह है कि आज दुनियां के अधिकांश देशों में महात्मा गांधी जी के सिद्धांत और कथन सम्मानजनक स्थान प्राप्त किए हुए हैं.
भले ही परिस्थितिवश उन्हें भारत रत्न का पुरस्कार प्राप्त ना हो पाया हो लेकिन फिर भी वह एक ऐसे व्यक्तित्व रहे जिनका पूरा जीवन स्वयं किसी आदर्श से कम नहीं है. वैसे तो गांधी जी जैसा दूसरा व्यक्ति शायद ही कभी जन्म ले, लेकिन कोलकाता के लोग इस मामले में बहुत भाग्यशाली निकले कि उन्होंने एक ही समय पर एक नहीं सैकड़ों गांधी को देखा. यह दृश्य दर्शकों के लिए बहुत सुखमय क्षण बन गया.
कोलकाता में कुछ दिन पूर्व 485 बच्चों ने महात्मा गांधी की वेशभूषा धारण कर सड़क पर शांति मार्च किया. एक ओर जहां इतने सारी गांधी का एक साथ होना अपने आप में बहुत दिलचस्प था, वहीं दूसरी ओर 485 गांधी ने एक साथ शांति पदयात्रा कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्डस में नाम दर्ज कराया. वैसे तो इससे पहले 13 जून, 2010 को तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले में एवीबी हायर सेकेंडरी स्कूल के 255 बच्चों ने गांधी का वेश धारण कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था लेकिन अब कोलकाता के बच्चों ने यह रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है.
उठो, जागो नाम से चली यह शांति यात्रा मायो रोड स्थित गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष से निकली जिसमें 10 से 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों ने भाग लिया. उल्लेखनीय है कि इस यात्रा को गांधी जी की पौत्री उषा गोकानी की उपस्थिति में निकाला गया और इसमें शामिल अधिकांश बच्चे गरीब परिवारों से थे.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस के भारत में अधिनिर्णायक निखिल शुक्ला का कहना है कि एक नया और भिन्न विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने का यह प्रयास सफल रहा है और जल्द ही यह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की आधिकारिक वेबसाइट पर देखा जा सकेगा. यह छोटे-छोटे बच्चे जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के वेश में सड़कों पर उतरे तो इनका जोश देखकर सभी लोग दंग रह गए. उषा गोकानी, जो अपने बच्चों के कहने पर कोलकाता आई थीं, के लिए यह अनुभव बहुत सुखद रहा.
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