अधिकांश लोगों को भिन्न-भिन्न स्थानों पर घूमने-फिरने, स्वादिष्ट व्यंजन खाने और दोस्तों के साथ गपशप करने जैसे शौक होते हैं. लेकिन कुछ लोगों के शौक आम रुचियों से हटकर होते हैं. उन्हें बाहर घूमने जाना और गपशप करना निरर्थक और फिजूल से अधिक और कुछ नहीं लगता.
ऐसे लोगों को कुछ विचित्र और अद्भुत चीजें खोज निकालना बहुत भाता है. महान आविष्कारक बनने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं. वे पूरे दिन यही सोचते रहते हैं कि ऐसा क्या किया जाए जिससे उन्हें शोहरत के साथ-साथ पैसा और प्रचार भी मिल जाए. वहीं अगर उनके आविष्कार से सामान्य लोगों की भलाई भी हो जाए तो यह उनके लिए किसी पुरस्कार से कम नहीं होता.
यही कारण है कि कुछ विशिष्ट और विचारशील लोग अपना सारा समय ऐसे वैज्ञानिक प्रयोगों को ही समर्पित कर देते हैं जो उन्हें शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचा दें. कुछ नया और लाभकारी खोज निकालने की चाहत से ओत-प्रोत प्रयोगधर्मी लोग कभी-कभार कुछ ऐसा कारनामा कर जाते हैं जो उन्हें वैश्विक ख्याति दिलवाता है तो कभी-कभार उन्हें अपने बेकार के आविष्कार के कारण हंसी का पात्र भी बनना पड़ता है.
लोगों के बीच मजाक बनने के बाद उन्हें अपना आविष्कार बेकार लगने लगता है. वह इतने निराश हो जाते हैं कि अपने आविष्कार को कूड़े में डालने के अलावा उन्हें और कोई विकल्प दिखाई नहीं देता.
लेकिन अब अपनी नई खोज को बेकार समझने वाले लोगों को निराश होने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि अब उनके असफल प्रयोगों को भी महत्व दिया जाने वाला है.
वियना (ऑस्ट्रिया) में एक ऐसा म्यूजियम खोला गया है जो सफल प्रयोगों को लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनाएगा. इस म्यूजियम में दुनियांभर के असफल प्रयोगों और उनसे जुड़ी सामग्रियों को सहेज कर रखा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि यह म्यूजियम ऑस्ट्रिया के एक असफल आविष्कारक द्वारा खोला गया है. उसने ना सिर्फ सरकार से इस म्यूजियम को खोलने की अनुमति प्राप्त कर ली है बल्कि सरकार ने स्वयं उसे म्यूजियम खोलने के लिए बड़ी सहायता राशि भी प्रदान की है.
म्यूजियम ऑफ नॉनसेंस के नाम से खुला यह म्यूजियम बहुत जल्द लोकप्रिय होता जा रहा है.
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