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एक साल की बच्ची के खाने में सिर्फ तीखी मिर्च!!

आमतौर पर बच्चों को चॉकलेट, आइसक्रीम जैसी आकर्षक और स्वादिष्ट मिठाइयां इतनी पसंद होती हैं कि अगर उनसे कोई काम करवाना हो या उन्हें खुश करना हो तो बस एक छोटी सी टॉफी बड़े काम की साबित होती है. लेकिन अमृतसर (पंजाब) में रहने वाली एक बच्ची मिठाइयों के लिए ललचाती क्या, उन्हें खाती तक नहीं है. इसके विपरीत उसे तो बेहद तीखी हरी मिर्ची और कड़वे कच्चे लहसुन पसंद हैं. वो भी इतनी करारी जिसे खाने के बाद अच्छे अच्छों का मुंह जलने लगे.


vaishnaviउल्लेखनीय है कि अमृतसर की रहने वाली वैष्णवी मात्र एक साल में ही हरी मिर्च और लहसुन की शौकीन बन गई है. उसे यह सब इतना भाता है कि अगर उसे एक भी दिन हरी मिर्च ना मिले तो वह रो-रोकर पूरे घर को सिर पर उठा लेती है. लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि बेहद कड़वी और तीखी मिर्चे खाने के बाद भी इस बच्ची को कोई फर्क नहीं पड़ता. ना तो उसका मुंह जलता है और ना ही उसके कड़वेपन का अहसास होता है.


वैष्णवी के परिवारवालों का कहना है कि हालांकि हरी मिर्च और लहसुन वैष्णवी की पहुंच से दूर रखने की कोशिश की जाती है, लेकिन अगर उसके हाथ लग जाए तो 20-25 मिर्च खाने के बाद ही उसके चेहरे पर खुशी दिखाई देती है. वैष्णवी को यह सब इतना भाता है कि जब तक उसे कड़वी मिर्च ना दी जाए वह दूध तक नहीं पीती.


वैष्णवी के दादा कहते हैं कि जब वैष्णवी कुछ महीनों की ही थी तब उसने 10-15 मिर्चे खा ली थी. उसके बाद से वह मिर्ची के लिए ललचाती रहती है. यहां तक कि अगर उसे दूध पिलाना हो या फिर चुप कराना हो तो मिर्च का प्रलोभन दिया जाता है. पहले वह सिर्फ मिर्च खाती थी लेकिन धीरे-धीरे कर उसे लहसुन खाने की आदत भी पड़ गई.


छोटी सी उम्र में इतनी ज्यादा मिर्च खाने के बावजूद आज तक कभी उसकी आंखों में पानी नहीं आया और ना ही कभी उसके पेट में दर्द हुआ है. वैष्णवी की छोटी बहन बिल्कुल भी तीखा नहीं खाती, अगर खाने में मिर्च तेज हो जाए तो वह खाना नहीं खाती और वैष्णवी बिना तेज मिर्च के खाना नहीं खाती. इसीलिए घर में वैष्णवी के लिए अलग से खाना बनता है.


डॉक्टरों को जब वैष्णवी के इस शौक के बारे में बताया गया तो उन्हें यह बहुत चिंताजनक बात लगी. डॉक्टरों का कहना है कि कम उम्र में इतना ज्यादा मिर्च और लहसुन खाना आगे चलकर परेशानी पैदा कर सकता है. इससे वैष्णवी के पेट में अल्सर हो सकते हैं और यहां तक कि सांस की नली में भी तकलीफ हो सकती है. डॉक्टरों ने सुझाव दिया है कि अगर मिर्च और लहसुन वैष्णवी के स्वाद में शामिल हो चुका है तो धीरे-धीरे कर इसे छुड़वा देना चाहिए. अगर मिर्च की मात्रा को एक दम से कम किया गया तो भी यह नुकसानदेह ही साबित होगा.


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