कहते हैं धरती पर डॉक्टर भगवान का ही दूसरा रूप हैं. जैसे भगवान जीवन देता और बचाता है उसी तरह डॉक्टर भी भगवान के दिए हुए जीवन की रक्षा करते हैं. लेकिन अगर यही डॉक्टर रूपी भगवान हैवानियत पर उतर आए तो क्या फिर भी आप उन्हें धरती का भगवान ही मानेंगे?
मेरठ, उत्तर प्रदेश के एक डॉक्टर ने यह सिद्ध कर दिया है कि जीवन को बचाने वाले डॉक्टर यदि इंसानियत को भुला देते हैं तो उनका स्वरूप कितना हिंसक और घिनौना हो जाता है. इस नर-पिशाच के कारनामों को सुनकर किसी का भी दिल कांप सकता है क्योंकि वह अपनी पत्नियों को तड़पा-तड़पा कर ना सिर्फ मारता है बल्कि उनके जीवन को नर्क से कम नहीं छोड़ता.
अपनी पत्नियों के साथ दरिंदगी का खेल खेलते हुए वह उनके शरीर के निचले हिस्से को पहले पूरी तरह सिग्रेट से झुलसा देता था और तब भी अगर मन ना भरे तो वह उन्हें एक ऐसा इंजेक्शन लगाता था जिससे उनका शरीर अंदर ही अंदर जलता रहता था. इस सनकी डॉक्टर ने अपनी एक पत्नी के साथ नहीं बल्कि नौ पत्नियों के साथ ऐसा ही सलूक किया जिनमें से नौ पत्नियां तो इसी तरह तड़प कर मर गईं लेकिन दसवीं पत्नी ने थोड़ी हिम्मत दिखाकर पुलिस में अपने हैवान पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है.
रामबाबू नाम का यह डॉक्टर अलीगढ़ का निवासी है. 63 वर्ष की आयु में इसने रमा नामक महिला से दसवां विवाह संपन्न किया. रमा का कहना है कि शादी के कुछ समय तक तो सब ठीक रहा लेकिन बाद में डॉक्टर हैवानियत पर उतर आया. एक दिन उसने रमा की कमर के नीचे का सारा हिस्सा जला दिया और रमा को घर में ही कैद कर रख लिया. रामबाबू अपनी पत्नी रमा को रोज सिग्रेट से जलाता और इंजेक्शन लगाता था. इंजेक्शन के बाद रमा की दोनों जांघें सड़ गई हैं. एक दिन किसी तरह मौका पाकर वह अपने घर से भाग निकली और पुलिस में जाकर अपने पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई.
लेकिन पुलिस अभी तक इस शैतान को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. रामबाबू नाम का यह नर-पिशाच आज भी अपने अगले शिकार की तलाश में खुला घूम रहा है और अपने पिछले पापों के सबूतों को मिटा रहा है.
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