ऐसे पिशाचों, जिन्हें हम वैंपायर के नाम से बेहतर जानते हैं, के विषय में आपने जरूर सुना होगा जो मनुष्य के शरीर से रक्त चूस लेते हैं. यह भी संभव है कि अधिकांश लोग वैंपायर की अवधारणा को एक मनगढ़ंत कहानी और निराधार मानते हों, लेकिन जो लोग वैंपायर के होने पर विश्वास करते हैं वह यह भली प्रकार जानते और समझते हैं कि यह कितने खतरनाक और भयावह होते हैं. यह चलते-फिरते मुर्दे इतने अधिक आकर्षक और सम्मोहक होते हैं कि कोई भी बड़ी आसानी के साथ इनके झांसे में आ जाता है.
लेकिन अगर वैंपायरों के विषय में आप यही समझते हैं कि यह वह हैवानी कृतियां होती हैं जिन्हें मृत्यु के पश्चात भी अपने पापों से छुटकारा नहीं मिलता और वह अपने बुरे कार्यों के कारण मरने के बाद भी भटकते रहते हैं तो आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि इस दुनियां में एक ऐसा पिशाच भी है जो अन्य वैंपायरों की तरह मृत नहीं है. कहने को तो वह एक इंसान है लेकिन उसकी गतिविधियां किसी भयानक और खतरनाक पिशाच से कम नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली ट्रेसी विशिंगटन एक ऐसी समलैंगिक पिशाचिनी का नाम है जिसने अपनी तीन प्रेमिकाओं के साथ मिलकर एक व्यक्ति का खून पी लिया. ट्रेसी को 1989 में ब्रिसबेन के 47 वर्षीय काउंसिल वर्कर एडवर्ड बाल्डोक की हत्या के मामले में वर्ष 1991 में उम्रकैद की सजा दी गई थी.
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार ट्रेसी विशिंगटन ने अन्य तीन महिलाओं के साथ मिलकर बाल्डोक को कार में बुलाया और साउथ ब्रिसबेन सेलिंग क्लब के पास अपनी गाड़ी में बाल्डोक के गले में सात बार काटकर उसका खून चूस लिया.
इस सड़क से जाने वाला कभी वापस नहीं आया !!
विशिंगटन 2001 में पैरोल के योग्य थी लेकिन किसी ना किसी वजह से हमेशा ही उसकी पैरोल रोकी जाती रही. लेकिन अब इस लेस्बियन वैंपायर को स्वतंत्र पैरोल बोर्ड के फैसले के बाद रिहा कर दिया गया है और अब यह खुले आम अपने अगले शिकार की तलाश कर रही है.
क्या है इस काले पिरामिड के पीछे का रहस्य
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