चीन के वैज्ञानिकों ने मकड़े के सैकड़ों वर्ष पुराने जीवाश्म को खोज निकाला है. एक मिलियन दस लाख के बराबर होता है और यह जीवाश्म लगभग 165 मिलियन साल पुराना है. नेफिला जुरासिका नस्ल से संबंधित इस मकड़े की टांगों का फैलाव 15 सेंटीमीटर है. वैज्ञानिकों ने इस अद्भुत मकड़े को गोल्डन ऑर्ब वीवर नाम दिया है. अपनी इसी खूबी की वजह से मकड़ी का सबसे लंबा जीवाश्म गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि मकड़ों की यह नस्ल उत्तरी चीन के जंगलों में रहती थी और उस समय यहां की जलवायु आज की अपेक्षा काफी गर्म थी. एक इंच लंबा यह मकड़ा किसानों द्वारा खुदाई करते हुए पाया गया था. बीजिंग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मकड़े का जीवाश्म अन्य जीवाश्मों की तुलना में बहुत बड़ा है और फैला हुआ है. वैज्ञानिकों ने इस जीवाश्म को देखते ही यह भांप लिया था कि यह जीवाश्म अद्भुत और अलग है.
इसी के साथ लेबनान में वैज्ञानिकों को मिला मकड़े का जीवाश्म जो 125-135 मिलियन वर्ष पुराना बताया जा रहा है, सबसे पुराने जीवाश्म के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है. लिनेफेडिया नस्ल के इस मकड़े के जीवाश्म का विश्लेषण यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर, इंगलैंड के वैज्ञानिक पॉल सेल्डन और डेविड पेनी ने किया है.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम में मकड़े से मिलने वाली सबसे पुरानी सिल्क का भी पता लगा लिया है. यह करीब 120 मिलियन वर्ष पुरानी है. स्विट्जरलैंड के शोधकर्ता सैमुएल ने नेचर नामक पत्रिका में इससे संबंधित सभी जानकारियां विस्तृत रूप से वर्णित की है.
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