मानव शरीर अस्थियों और मांसपेशियों का एक ढांचा है जो रक्त और नाड़ियों की सहायता से जीवंत रूप ग्रहण करता है. जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, संप्रदाय या समाज का हो, सभी का शारीरिक निर्माण इसी संरचना के तहत होता है.
हां, जन्म लेने के पश्चात वैज्ञानिक तकनीकों और अन्य सुविधाओं की सहायता से प्राकृतिक शारीरिक निर्माण में थोड़ा बहुत फेर-बदल किया जा सकता है लेकिन यह पूरी तरह बनावटी और कृत्रिम ही होता है.
कुछ लोग किसी विवशता के कारण अपने शरीर के साथ छेड़छाड़ करते हैं तो कुछ मात्र सुंदर दिखने के लिए अपने स्वाभाविक स्वरूप को नकार देते हैं. लेकिन कुछ अनोखे लोग ऐसे भी होते हैं जिन पर लोकप्रियता पाने का फितूर इस कदर हावी हो जाता है कि वह दूसरों से अलग दिखने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
लेकिन हाल ही में प्रकाश में आई एक घटना किसी को भी हैरत में डाल सकती है और यह निश्चित रूप से सोचने को मजबूर कर सकती है कि क्या मनुष्य के साथ-साथ प्रकृति भी ऐसे विचित्र खेल खेलने में रुचि रखती है?
यह घटना इंडानेशिया के सुलावेसी द्वीप के माकासर की है, जहां चिकित्सकों ने एक बच्ची के शरीर में से 28 कीलें निकाली हैं. बच्ची के पैरों में चार इंच की लगभग 23 कीलें, टूटी हुई सीरिंज और एल्यूमिनियम की छड़ों को ऑपरेशन द्वारा बाहर निकाला गया है. उस बच्ची के शारीर में से एक कील रीढ़ की हड्डी के बिलकुल निकट थी, जिसे बहुत मुश्किल से बाहर निकाला गया है. बच्ची का सफल ऑपरेशन करने वाली टीम के मुख्य चिकित्सक कमरुद्दीन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है.
आपको यह जानकर थोड़ा आश्चर्य होगा कि बच्ची को जन्म देने वाली मां और उसके परिवार वालों को भी इस बात का कोई अंदेशा नहीं था कि बच्ची के शरीर में कीलें भरी हुई हैं.
बच्ची का इसी साल सितंबर महीने में एक्स-रे किया गया था तब जाकर यह बात सामने आई कि उसके पैरों और शरीर के पिछले हिस्से में कुछ चीजें मौजूद हैं.
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